
हर कोई ये ही सोचता है की प्रार्थना का जबाब उस् कारण से मिलता है जिसमे वो विश्वास करता है । ऐसा नही है ,प्रार्थना का फल तब मिलता है जब उस व्येक्ती का अवचेतन मन उसके प्रार्थना को स्वीकार करके उसकी मानसिक तस्वीर मस्तिस्क में बना लेता है। हर धर्म के लोगो को उनके प्रार्थना का जबाब मिलते ही है अगर वो सच्चे दिल से करे . कर्मकांड या बलि के कारण से नही .वो तो आपके अवचेतन मन के विश्वास से मिलते है .और विश्वास को आप मस्तिस्क के विचार कह सकते है। आप जैसा सोचते है ,महसूस करते है वैसा ही तस्वीर आपके अवचेतन मन में बनती है और आपके साथ वैसा ही होने लगता है । और मै गारंटी के साथ कह सकता हूँ की जिस दिन से आप अपने अवचेतन मन को पढ़ना शुरू कर देंगे उस् दिन से आप की ज़िन्दगी में बदलाव होना शुरू हो जाएगा।
ऐसा क्यो है की कोई सफल है ,कोई असफल ।
एक दुखी है ,दूसरा सुखी ।
एक की बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है दूसरे की नही।
इतने सारे अच्छे , दयालु और धार्मिक लोक मानसिक और शारीरिक यातनाए क्यों झेलते हैं।
एक का वैवाहिक जीवन सुखी है तो दूसरे का दुखी ।
आज से ही अपने जीवन में चमत्कार होते देखें ।
ऐसा तब तक करे जब तक की आपके जीवन में प्रकाश न फ़ैल जाए ।
प्रणब
pranabroy70@gmail.com
ऐसा क्यो है की कोई सफल है ,कोई असफल ।
एक दुखी है ,दूसरा सुखी ।
एक की बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है दूसरे की नही।
इतने सारे अच्छे , दयालु और धार्मिक लोक मानसिक और शारीरिक यातनाए क्यों झेलते हैं।
एक का वैवाहिक जीवन सुखी है तो दूसरे का दुखी ।
आज से ही अपने जीवन में चमत्कार होते देखें ।
ऐसा तब तक करे जब तक की आपके जीवन में प्रकाश न फ़ैल जाए ।
प्रणब
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