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आपके अवचेतन मन को प्यार की जरुरत




अवचेतन मन को प्यार की बहुत जरुरत होती है। प्यार न मिलने पर अपना अवचेतन मन पुरी तरह से काम नही कर पाता । सुख शान्ति अवचेतन मन में मिटटी की तरह होती है ।

बीज हमारी सोच है ,और प्यार ,पानी और सूरज के प्रकाश की तरह काम करता है। मतलब अगर आपकी सोच है की आपको जिन्दगी में कुछ बड़ा करना है तो ये आपके अवचेतन मन का बीज हुआ , लेकिन ये बीज तभी अंकुरित हो सकता है जब आपकी मिटटी अच्छी हो और उसमे रोज़ पानी दिया जाए साथ में सूरज की रौशनी भी उसपे पड़े।

हमारे अधिकतर लोगो के साथ येही होता है की हम अवचेतन मन में बीज डाल कर छोड़ देते है , न उसमे मिटटी की जरुरत देखते है और न पानी की , क्योकि वो तो हम दूसरो के भरोसे छोड़ देते है। हम सोचते है की दूसरा ही अच्छी मिटटी डालेगा और दूसरा ही पानी डालने के लिए आएगा । इसलिए हम अपने बीज को अंकुरित होते नही देख पाते है। पौधा न उगने पर हम दूसरो को दोष देना शुरू कर देते है और आलोचना शुरू हो जाती है और येही दोष और आलोचना के शब्द ब्रम्हांड में एक कम्पन उत्पन्न करता है और आपको वोही प्राप्त होता है जो की आपने इस ब्रम्हांड को दिया है।


  • इसलिए अपने शब्दों को बड़े ठीक ढंग से और प्यार से कहे ।

  • दूसरो को धन्यवाद और मूल्य देना कभी न भूलें ।

  • अपने आप से प्यार करना सीखे । ( जो की हम अपने चेतन मन से करते है पर अवचेतन मन से नही )

अवचेतन मन में प्यार कैसे डाले ??????

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