
आपका अवचेतन आपके शरीर को संचारित करता है और चौबीस घंटे काम करता है। नकारात्मक सोच आपके मस्तिस्क के प्लानर को प्रभावित करता है।
सोने से पहले अपने अवचेतन को किसी समस्या का हल निकलने का काम सौपे । ये उसे कर देगा बशर्ते आपका मस्तिष्क शुन्य हो।
अपने विचारो पर नज़र रखना न भूले । जिस विचार को आप सच मानते है वोही विचारअवचेतन आपके मस्तिष्क के प्लानर को भेज देता है और आपके साथ वोही होता है। मतलब अगर आपका अवचेतन अगर ये विश्वास कर लेता है की आप सुख , शान्ति में है तो इसी तरह के तरंगो का आवागमन शुरू हो जाता है। आपके अवचेतन को विश्वास में ले की आपके पास बहुत दौलत है । आप जो चाहते है उसे मस्तिष्क में एक फ़िल्म बनाये , रोज़ देखे और उसपर भरोसा रखे ।
अपने शरीर में भरपूर मात्रा में ओक्सिजेन को जाने दे , रोज़ सुबह उठकर कम से कम आधा घंटा योग और प्राणायाम करे। जिससे आपका अवचेतन जल्दी तैयार हो जाएगा। किसी भी चीज़ को तंदुरस्त रखने के लिए हवा की ज़रूरत होती है।
हमारा शरीर हर ग्यारह महीने में बदलता है। अगले ग्यारह महीने भी आपके है । ये आपको विचार करना है कि कल से आपके अवचेतन में क्या बदलाव लाते है कि अगले साल तक आपकी दुनिया पुरी तरह से बदल जाए।
मस्तिष्क को शुन्य कैसे करे ?? ब्लॉग देखते रहे ।
प्रणब रजत
very useful blog, it reveals truth
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