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क्या आपने इनमे से किसी को स्वीकार किया है???


क्या आपने इनमे से किसी को स्वीकार किया है???

पैदा होने के बाद से ही हमपे नकारात्मक बातो की बारिश होने लगती है। और चूँकि हम नही जानते है की उसका विरोध कैसे किया जाए इसलिए अवचेतन मन उस बात को ग्रहण कर लेता है और उसको हमारे अनुभव में बदल देता है।
कुछ उदहारण :-
# तुम कुछ नही कर सकते॥
#तुम कभी कुछ नही बन पाओगे
#तुम्हे ऐसा नही करना चाहिए
# तुम असफल हो जाओगे
#तुम बिल्कुल ग़लत हो
#इससे कोई फायदा नही होगा
#तुम कुछ नही जानते
#ज्यादा कोशिश से फायदा नही है ..छोड़ दो
#ये बहुत ख़राब चीज है
#किसी पे भरोसा मत करना
#तुम्हारी उम्र ज्यादा हो गई है
#बीमारी हो सकती है .,सावधान रहना।
और क्योकि बचपन में आप विरोध नही कर सकते ....अवचेतन मन इसे लेकर एक तरंग बना देता है और ये तरंग ब्रम्हांड में आपके चारो ओर घेरता है और आपको वो ही प्राप्त होता है जो आपने ब्रम्हांड को दिया है।
आपके सुख ,शान्ति और दौलत के लिए ये बहुत जरुरी है की ये तरंगो को बदले .और इन्हे बदलने के लिए आपको वक्त देना होगा क्योकि ये सब आपके अवचेतन मन की तरंगे है न की आप के चेतन मन की जो की आप याद रख सके।

Pranab (M.E.)Astro-Numerologist ,Healing Mind body soul

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