
अपने अवचेतन मन को जगाये ।
मैंने पहले कहा है की आपका अवचेतन मन बहुत समझदार है। पर हम इसका इस्तेमाल नही करते। लेकिन जब हम नकारात्मक बाते अपने चेतन मन में सोचते है तो अवचेतन मन अपने आप इसे ग्रहण कर लेता है। जैसे हम सोचते है की " मै ये नही कर सकता" " मेरी दुनिया में प्यार की कमी है" या फ़िर " मेरे पास पैसे नही है " । हम में से अधिकतर लोग ९०% नकारात्मक बाते ज्यादा सोचते है और येही बाते अवचेतन मन ग्रहण कर ब्रम्हांड में एक तरंग प्रवाहित करता है और हमें वोही प्राप्त होता है जो हम इस ब्रम्हांड को देते है।
सबसे पहले अपने अवचेतन मन को जगाने के लिए इसे शब्दों में प्यार से और विश्वास के साथ अगले १० दिनों तक दिन में कम से कम दस बार सोने से पहले और जागने के तुंरत बाद कहिये....
" मेरा अवचेतन मन जबाब जानता है और इस समय प्रतिक्रिया कर रहा है। मै धन्यवाद देता हु क्योकि मै जानता हूँ की मेरा अवचेतन मन इस वक्त भी मुझे सही मार्ग बता रहा है । मेरा सच्चा विश्वास मेरे अवचेतन मन के ज्ञान को मुक्त कर रहा है। और मुझे बहुत खुशी हो रही है की ऐसा मेरे साथ होना शुरू हो गया है । धन्यवाद ..धन्यवाद ..ब्रम्हांड की असीमित क्षमता को धन्यवाद। "
देखिये आप के साथ भी चमत्कार होना शुरू हो जाएगा ।
प्रणब रजत
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