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अवचेतन मन ,आपके अन्दर की दुनिया


१-अंदर की दुनिया से ही बाहर की दुनिया उत्पन्न होती है

२-हर विचार एक् कारण है और हर परिस्थिति एक् परिणाम

३-आपको अपने अवचेतन मन को सही आदेश {विचार औरतस्वीर }देने होंगे ,जो आपके सभी अनुभवो को नियंत्रित करता है

४-इस तरह के वाक्यों का प्रयोग न करे a-मेरे पास इसके लिए पैसे नही है b-मै यह काम नही कर सकता

५-आप जो सोचते है ,अवचेतन मन उसी बात को सच मान लेता है

६-आपकी अवचेतन गहराईयों मे सभी आवश्यक चीजो के बारे मे असीमित ज्ञान ,शक्ति ,और आपूर्ति का भण्डार है

७-आपका अचेतन मन इस बात का इन्तजार कर रहा है दे आप इसे विकसित करे और अभिव्यक्ति दे

८-आपका अवचेतन मन सिद्दांत है ,यह विश्वास के नियम परकाम करता है ९-आपके मष्तिस्क का विचार ही आपके मन का -या आपकाविश्वास है

१०-मष्तिस्क के दो हिस्से है १-चेतन २-अचेतन ११-चेतन ,माली है ॥/ अवचेतन मन ..मे चेतन मन हर पल ,विचार के बीज बोता रहता है यह बीज आदतन सोच पर आधारित होते है

१२-जैसा हम अपने अचेतन मन मे बोते है हमे अपने शरीर तथा परिस्थितियों मे वैसी ही फसल काटनी पड़ती है

१३-अत: अपने विचारों पर नियन्त्रण रख इसी समय से शांति सही कर्म सद -भावना और समृद्धि के बीज बोना शुरू कर दे ।

डॉ.जोसेफ मर्फी द्वारा लिखित

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